Thursday 30 July 2020

पंचतंत्र की कहानियाँ- बुद्धिमान हंस

बुद्धिमान  हंस 

एक घने जंगल में एक  बहुत ऊंचा पेड़ था। उशकी शाखाये छतरी की तरह फैली हुईं थीं और घनी थीं। 
हंसो का एक झुण्ड इस पेड़ पर निवास करता था। वे सब यहां सुरक्षित थे और बड़े आराम से रहते थे। 

 उनमे से एक बूढ़ा हंस बहुत बुद्धिमान था। उसने पेड़ के तने के पास एक बेल को उगते देखा। इसके बारे में उसने दूसरे हंसो से बातचीत की 
बूढ़े हंस ने उनसे पूछा ,"क्या तुमने पेड़ पर चढ़ती हुई इस लता को देखा है। तुम्हे इसे जल्दी से जल्दी नष्ट कर देना चाहिए।
हंसो ने आश्चर्य से पूछा," पर अभी क्यों? यह तो इतनी छोटी सी हैहमें यह क्या हानि  पहुंचा सकती है?"
"मेरे मित्रों ,"बूढ़े हंस ने कहा, "छोटी सी लता देश से देखते ही देखते बड़ी हो जाएगी। यह हमारे पेड़ पर चढ़कर उससे लिपटती जाएगी और फिर कुछ समय बाद मोटी और मजबूत हो जाएगी।
"तो क्या हुआ?" हंसो ने पूछा एक" लता हमें क्या हानि पहुंचा शक्ति है?" बुद्धिमान हंस ने  उत्तर दिया," तुम लोग समझ नहीं रहे हो. कोई भी इस बेल के सहारे पेड़ पर चढ़ सकता है कोई बहेलिया चढ़कर हमे मार सकता है
हंसो ने कहा ," ऐसी भी जल्दी क्या है. अभी तो यह बेल बहुत  छोटी सी है। इतनी छोटी -से चीज़ हमें क्या हानि पहुंचा सकती है? फिर कभी देखेंगे।" लता छोटी है तभी उसे नष्ट कर देना चाहिए," बुद्धिमान हंस ने सलाह दी , अभी यह कोमल है इसलिए आसानी से काटी जा  सकती है बाद में यह सख्त और मोटी हो जाएगी, तब तुम इसे काट नहीं सकोगे  और हमारे अनिष्ट का कारण बन जाएगी। 
अच्छा ,अच्छा, अच्छा, देखेंगे," सब हंसो ने टालते हुऐ कहा।
 उस समय उन्होंने लता को नहीं काटा। कुछ दिनों में वे सब बूढ़े हंस की बात को भूल गए लता बढ़ती गई वह पेड़ के सहारे ऊपर चढ़ गई और उसके चारों तरफ लिपट गई
ज्यों -ज्यों  समय गुजरता गया बेल दृढ़  और मजबूत होती गई एक दिन सुबह जब हसो का झुंड भोजन की खोज में बाहर गया हुआ था, उस समय एक बहेलिया पेड़ के पास आया
'अच्छा,तो यही वह पेड़ है जहां बहुत सारे हंस रहते हैं,'बहेलिया मन ही मन सोचा,' जब वे शाम को घर लौट आएंगे तो मेरे जाल में फंस जाएंगे।'
 बहेलिया बे का सहारा लेकर गया पेड़ पर चढ़ गयाउसने बिल्कुल ऊपर पर पहुंचकर अपना जाल फैला दिया और जल्दी से नीचे उतर कर घर चला गया
शाम को सब हंस घर लौटे। उन्होंने शिकारी के जाल को नहीं देखा। ज्यो ही वे अपने घोंसलो में जाने लगे, जाल में फंस गये उन्होंने जाल से निकलने के लिये बहुत हाथ-पैर मारे मगर असफल रहे
वे सब चिल्लाने लगे ,' हमें बचाओ,हमें बचाओ। हम शिकारी के जाल में फंस गये हैओह, अब हम क्या करें?
बूढ़े हंस ने कहा," अब इतना क्यों घबरा रहे हो? मैंने तुम्हें बहुत पहले ही बेल को काट देने के लिए कहा था, मगर तुम लोगों ने मेरी एक ना सुनी। अब देखो उसका क्या फल हुआ कल सुबह बहेलिया आएगा इस बेल के सहारे पेड़ पर चढ़ेगा और हम सबको को मौत के घाट उतार देगा।
सब हंस रोने लगे," हमने बड़ी मूर्खता की हमें अफसोस है कि हमने आपकी बात नहीं मानी। हमें क्षमा कर दो कृपा करके अब यह बताओ कि हम सब अपनी जान कैसे बचाएं?
बूढ़े हंस बोला," अच्छा तो ध्यान से सुनो कि हमें क्या करना चाहिए।"
"बताओ,कृपाकर जल्दी बताओ की हम क्या करें?"
 बूढ़े हंस ने कहा,"जब सुबह बहेलिया आए तो तुम सब मरे जैसे चुपचाप पड़े रहना। बहेलियां मरे हुए पक्षियों को कोई हानि नहीं पहुंचाएगा। वह उन्हें घर ले जाने के लिए जाल से निकालकर एक-एक करके जमीन पर फेंक देगा। जब वह आखरी पक्षी को भी निकाल कर फेंक दे तो जल्दी से उड़ जाना।
  सुबह हेलियां आया और पेड़ पर चढ़ गयाउसने जाल में फंसे हंसो को देखा,उसे सभी पक्षी मरे हुए लगे
उसने एक -एक पक्षी को जाल से निकाला और जमीन पर फेंकता गया जब तक उसने आखरी पक्षी जमीन पर न फेक दिया, सब दम साधे पड़े रहे बहेलियां समझा कि वे सब मरे हुए हैं ठीक है -यह क्या ?एकाएक  सब के सब जिन्दा हो गये। सबके सब पंख फड़फड़ाकर उठे और उड़ गये।  

कहानी का नैतिक (Moral of the story)
1.बड़े लोगों की सलाह पर ध्यान दें 
  pay heed to the advice of elder ones.
2.एहतियात इलाज से बेहतर है
  Precaution is better than cure.
3.यदि कोई समस्या या बीमारी है, तो इसका इलाज प्रारंभिक अवस्था में करें। देरी से बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
if there is any problem or disease,treat it in early stage.Delay may leads to major problem.
   

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